आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
गूँजत है खेतवन में बागे बहारी
झूमत है पेड़वन के हर डाली डाली
कोहराम बरपा है आतिश कदनवा
बूतवन के गोड़वा लचर मचर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
अइसन नबी केहू आवा न आयी
इ मर्तबा केहू पावा न पायी
बरसे करम के सबपे सवनवा
उनकर नजरिया जिधर जिधर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
बाजत है कलमे की हरसू बसुरिया
दोनों जगत में है फैली उजरिया
कर दें दया जो शाहे मदीना
ख़ुशियनं में सबका गुजर बसर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
गूँजत है खेतवन में बागे बहारी
झूमत है पेड़वन के हर डाली डाली
कोहराम बरपा है आतिश कदनवा
बूतवन के गोड़वा लचर मचर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
इ मर्तबा केहू पावा न पायी
बरसे करम के सबपे सवनवा
उनकर नजरिया जिधर जिधर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
दोनों जगत में है फैली उजरिया
कर दें दया जो शाहे मदीना
ख़ुशियनं में सबका गुजर बसर होवे
आमिना के घरवा है हुरन क मेला
सगरो अटरिया डगर मगर होवे
बन के खिलौना मोरे नबी क अमबर पे चँदवा इधर उधर होवे
Subhan Allah
ReplyDeleteNaat e rasul sallallahu alaihi wasallam
ReplyDeleteBeutiful
ماشاءاللہ
ReplyDeleteSubhanallah
ReplyDeleteMasha'allah
ReplyDeleteHiii
ReplyDeleteMashaallah
ReplyDeleteUrdu main
ReplyDeleteYa Allah
ReplyDeleteMashallah 🌹
ReplyDeleteMashallhaa
ReplyDeleteMashallhaa
ReplyDeleteماشاءاللہ
ReplyDeleteMashallah
ReplyDeleteMarshall ha
ReplyDeleteMashallah bahut khoob
ReplyDeleteAhsan Ahmmad
ReplyDeleteAhsan Ahmmad
ReplyDelete