मेरी आँखें तरसती है या रब मुझको बागे मदीना दिखा दे
प्यार से जिंदगी देने वाले मुझको प्यारे नबी से मिला दे
लेके तलवार फारूक घर से कत्ल करने चले थे नबी को
पास पहुंचे तो की अर्ज रोकर मेरे महबूब कलमा पढ़ा दे
तन पे खा खा के ज़ालिम के कोड़े हँस के बोले बिलाले हब्शी
मैं न छोडूंगा दामन नबी का बेहया चाहे जितनी सजा दे
कर्बला में हुसैन इब्ने हैदर हक से फ़रमाया खू में नहा कर
ताज शाही यजिदो को दे कर मुझको जामे शहादत पीला दे
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